नासिक के स्वामी संविदानन्द सरस्वतीजी सुबह-ए-बनारस के आध्यात्मिक अनुष्ठान में हुए शामिल
Swami Samvidanand Saraswatiji
–आयोजन को बताया अद्भुत, स्वागत सत्कार से हुए अभिभूत
वाराणसी। Swami Samvidanand Saraswatiji: कैलाश मठ नासिक के स्वामी संविदानन्द सरस्वतीजी महाराज का यहां काशी (Varansi) में अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस के आध्यात्मिक अनुष्ठान(spiritual rituals) में गुरुवार की प्रातः अभूतपूर्व स्वागत हुआ।
सूर्योदय से पूर्व स्वामी संविदानंद सरस्वतीजी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर अनुष्ठान का शुभारंभ(opening ceremony) किया। पण्डित विनय तिवारी ने बताया कि इस अवसर पर स्वामीजी की गरिमामय उपस्थिति में सप्त ऋषियों के प्रतीक सात बटुकों ने मां गंगाजी की विधिवत आरती सम्पन्न की।
पाणिनि महाविद्यालय की ऋषिकाओं नें लोकमंगल के लिए यज्ञ संपन्न किया। इस दौरान पुष्पांजलि एवं सूर्य को अर्घ्य देते हुए स्वामीजी ने अनुष्ठान की विधि विधान की प्रशंसा की। साथ ही स्वामीजी ने इस मौके पर कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुष्ठान है। वे बोले, वेद मंत्रों सहित परंपरा और गरिमा के प्रतीक का ऐसा अनुष्ठान मैंने कहीं नहीं देखा है।
उन्होंने सुबह ए बनारस के अलौकिक व दिव्यतम पारंपरिक अनुष्ठान को अद्भुत भी बताया। दौराने कार्यक्रम सुबह ए बनारस के डॉ रत्नेश वर्मा, प्रमोद कुमार मिश्रा, डॉक्टर वीरेंद्र प्रताप सिंह, दीपक मिश्रा, पंडित विनय तिवारी व सुनील शुक्ला सहित समस्त सुबह बनारस के सदस्यों ने स्वामीजी का माला पहनाकर और अंगवस्त्रम प्रदान कर अभिनंदन किया।
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